लेकिन कर्म का प्रभाव नहीं दिखता मुझे अच्छे लोग दबाए जाते है,
और दुष्ट जीवन का आनंद ले रहे है
दिल कर रहा है
बियाह कर लूँ...
मुझे किसी और जैसा बनने की जरूरत नही,
मेरे किरदार की एक अलग ही पहचान है।।
नींद आँखों में कहाँ आती है,
मैंने ख्वाब ही इतने ऊँचें सजाये हैं
कहाँ मिली हैं अभी खुशियाँ मुझे
कितने ही पल तो मैंने संघर्ष में बिताये हैं,
मिलेगी मुझे भी एक दिन
ये मंज़िल, यकीन है मुझे
जिन्दगी में कितने ही अरमान
मैंने इस ख्वाब पर लुटाये हैं।
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